प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में "संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा" पर हो रही बहस का जवाब दिया। इस अवसर पर उन्होंने संविधान के महत्व और लोकतंत्र की मजबूती पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत का संविधान न केवल देश की विविधता का सम्मान करता है, बल्कि इसे एकता के सूत्र में पिरोता है। उन्होंने संविधान को "लोकतंत्र की आत्मा" बताया और इसके माध्यम से देश के विकास में हुए सुधारों का उल्लेख किया।
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भाषण के मुख्य बिंदु:
1. संविधान का महत्व: पीएम मोदी ने संविधान को "भारत की आत्मा" बताया और इसके संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संविधान ने भारत को एक सशक्त लोकतंत्र बनाने में मदद की है।
2. संवैधानिक सुधार: प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 हटाने जैसे संवैधानिक सुधारों का उल्लेख किया, जिसे उन्होंने "संविधान की अखंडता सुनिश्चित करने वाला कदम" बताया।
3. विपक्ष पर प्रहार: उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि "संविधान की रक्षा के नाम पर कुछ लोग केवल राजनीति करते हैं।" उन्होंने कांग्रेस पर अतीत में संविधान में अनावश्यक संशोधन करने के आरोप भी लगाए।
4. महिला अधिकार और विकास: पीएम मोदी ने महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय को संविधान के प्रमुख उद्देश्यों के रूप में रेखांकित किया।
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यह भाषण संसद के शीतकालीन सत्र का हिस्सा था, जिसमें विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच तीखी बहस देखने को मिली। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में अतीत और भविष्य को जोड़ते हुए, लोकतंत्र की मजबूती के लिए सभी दलों को मिलकर काम करने का आह्वान किया।
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