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IND VS AUS: अब टीम मेरी मर्जी से खेलेगी, ड्रेसिंग रूम का माहौल है ख़राब,गंभीर ने दिए बड़े बयान

 ऑस्ट्रेलिया के सामने चल रही टेस्ट सीरीज मे चौथे टेस्ट मे हारने के बाद भारतीय टीम मे हल चल मच गयी है, रिपोर्ट के अनुसार टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल सही नहीं है, भारतीय सीनियर खिलाड़ी का ख़राब फॉर्म भारतीय टीम के लिए चिंता का विषय बन चूका है.

टीम मेरी मर्जी से खेलेगी, ड्रेसिंग रूम का माहौल है ख़राब

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HIGHLIGHT -:

1 गंभीर ने दिया बड़ा बयान टीम की लगायी क्लास 

2 ड्रेसिंग रूम का माहौल है ख़राब 

3 सीनियर खिलाड़ी का ख़राब फॉर्म चिंता का विषय 


गंभीर ने दिया बड़ा बयान -:

चौथे टेस्ट मे हारने के बाद गंभीर कुछ सीनियर पेलयर से नाराज़ चल रहे है. रिपोर्ट के अनुसार टेस्ट सीरीज शुरू होनें से पहले ही गंभीर और टीम मैनेजमेंट के बिच अन बन की खबर चल रही थी. रिपोर्ट के अनुसार गंभीर टीम मे पुजारा को खिलाना चाहते थे लेकिन मैनेजमेंट ने उनकी बात नहीं माने अब चौथे टेस्ट मे हारने के बाद गंभीर ने अपना सारा गुस्सा निकाल है और कहा के अब सिर्फ मेरी चलेगी..

ख़राब शार्ट सेलक्शन से है नाराज़ -:

बॉर्डर गवासकर ट्रॉफी खेल रही टीम इंडिया अभी काफ़ी ख़राब दौर से गुजर रही है, पहले टेस्ट मे जितने के बाद भारतीय टीम कभी आगे ही नहीं निकल पायी है और टेस्ट सीरीज मे 2-1 से पिछड़ गयी है. भारतीय टीम के बैटर ख़राब शार्ट खेल कर बार बार आउट हो रहे है इसकी बात गंभीर ने प्रेस कोनफॉन्स मे भी कहा. विराट की बाहर जाती हुयी गेंद पर बार बार आउट होना ये भी एक चिंता का विषय है और ऋषभ पंत का पुरे टेस्ट सीरीज मे ख़राब शार्ट सेलक्शन के चलते आउट हुए है इसकी वजह से गंभीर काफ़ी नाराज़ है.


सीनियर खिलाड़ी हो सकते है बाहर -:

रोहित शर्मा और विराट कोहली पुरे टेस्ट सीरीज मे ख़राब फॉर्म से गुजर रहे है विराट कोहली का एक पारी छोड़ दे तो वो पूरी सीरीज मे फ्लॉप रहे है वही रोहित शर्मा तो पूरी सीरीज मे सिर्फ 31 रन ही बना पाए है और ऋषभ पंत भी सभी मैचों मे ख़राब शॉर्ट खेलकर आउट हो रहे है, पांचवे टेस्ट मे युवा बल्लेबाज को मौका मिल सकता है 

गौतम गंभीर: टेस्ट कोच के रूप में उनका प्रदर्शन और भारतीय क्रिकेट को दिया गया नया आयाम  


भारतीय क्रिकेट के इतिहास में गौतम गंभीर का नाम एक ऐसे खिलाड़ी के तौर पर दर्ज है, जिन्होंने न सिर्फ मैदान पर बल्कि मैदान के बाहर भी अपनी छाप छोड़ी है। वह एक ऐसे खिलाड़ी रहे हैं, जिन्होंने अपने जज्बे, दृढ़ संकल्प और टीम के प्रति समर्पण से क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में खास जगह बनाई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गौतम गंभीर ने टेस्ट कोच के रूप में भी उतना ही शानदार प्रदर्शन किया है? आज के इस ब्लॉग में हम गौतम गंभीर के टेस्ट कोच के रूप में उनके सफर, उनकी रणनीतियों और भारतीय क्रिकेट को दिए गए उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा करेंगे।  


गौतम गंभीर: एक संक्षिप्त परिचय  


गौतम गंभीर का जन्म 14 अक्टूबर 1981 को दिल्ली में हुआ था। उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत दिल्ली की घरेलू टीम से की और जल्द ही वह भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गए। गंभीर ने अपने करियर में 58 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 4,154 रन बनाए और 9 शतक लगाए। उनकी बल्लेबाजी का सबसे यादगार पल 2011 का विश्व कप फाइनल था, जहां उन्होंने भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।  


लेकिन गंभीर का योगदान सिर्फ खिलाड़ी के रूप में ही नहीं है। उन्होंने कोचिंग के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई है। आइए जानते हैं कि टेस्ट कोच के रूप में उनका सफर कैसा रहा।  


 टेस्ट कोच के रूप में गौतम गंभीर का सफर  


जब गौतम गंभीर ने कोचिंग की दुनिया में कदम रखा, तो उनके सामने कई चुनौतियां थीं। टेस्ट क्रिकेट एक ऐसा फॉर्मेट है, जहां खिलाड़ियों को तकनीकी, मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत होना पड़ता है। गंभीर ने इन चुनौतियों को स्वीकार किया और अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए टीम को नई दिशा दी।  


 टीम की रणनीति में बदलाव  


गौतम गंभीर ने टेस्ट टीम की रणनीति में कई बदलाव किए। उन्होंने खिलाड़ियों को लंबे समय तक टिकने और गेंदबाजों के सामने धैर्य बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। उनका मानना था कि टेस्ट क्रिकेट में सहनशीलता और धैर्य ही सफलता की कुंजी है।  


युवा खिलाड़ियों को मौका देना  


गंभीर ने युवा खिलाड़ियों को टीम में शामिल करने और उन्हें अवसर देने पर जोर दिया। उनका मानना था कि युवा खिलाड़ी टीम में नई ऊर्जा ला सकते हैं और उन्हें सही मार्गदर्शन मिलने पर वह बड़े मैचों में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।  


 गौतम गंभीर की कोचिंग फिलॉसफी  


गौतम गंभीर ने हमेशा टेस्ट क्रिकेट की मूलभूत बातों पर जोर दिया। उनका मानना था कि टेस्ट क्रिकेट में सही तकनीक और मानसिकता ही सफलता की कुंजी है। उन्होंने खिलाड़ियों को बल्लेबाजी और गेंदबाजी की बुनियादी बातों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया।  


खिलाड़ियों के साथ संवाद  


गंभीर ने खिलाड़ियों के साथ खुलकर संवाद किया। उन्होंने हर खिलाड़ी की समस्याओं को समझा और उन्हें दूर करने के लिए उचित मार्गदर्शन दिया। इससे खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने मैदान पर बेहतर प्रदर्शन किया।  


मानसिक मजबूती पर जोर  


टेस्ट क्रिकेट में मानसिक मजबूती का बहुत महत्व होता है। गंभीर ने खिलाड़ियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया। उन्होंने खिलाड़ियों को मैच के दबाव में सही निर्णय लेने के लिए तैयार किया।  


## गौतम गंभीर के कोचिंग करियर के उतार-चढ़ाव  


गौतम गंभीर के कोचिंग करियर में कई सफलता के पल रहे। उनके नेतृत्व में भारतीय टेस्ट टीम ने कई महत्वपूर्ण मैच जीते। उन्होंने टीम को एकजुट किया और खिलाड़ियों को अपने प्रदर्शन से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।  

 चुनौतियों का सामना  

हर कोचिंग करियर की तरह गंभीर के सामने भी कई चुनौतियां आईं। टीम के प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव और खिलाड़ियों की चोटों ने उन्हें परेशान किया। लेकिन उन्होंने हर चुनौती का सामना किया और टीम को आगे बढ़ाने का प्रयास किया।  


गौतम गंभीर का भारतीय क्रिकेट को योगदान  


युवा खिलाड़ियों का विकास  


गौतम गंभीर ने युवा खिलाड़ियों के विकास पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने का मौका दिया।  


टीम की एकजुटता  


गंभीर ने टीम की एकजुटता पर जोर दिया। उन्होंने खिलाड़ियों को एक दूसरे का सहयोग करने और टीम के लिए खेलने के लिए प्रेरित किया। इससे टीम का प्रदर्शन बेहतर हुआ।  


 टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा  


गौतम गंभीर ने टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट की महत्ता समझाई और उन्हें इस फॉर्मेट में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया।  


निष्कर्ष  


गौतम गंभीर ने टेस्ट कोच के रूप में भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी है। उनके नेतृत्व में टीम ने कई महत्वपूर्ण मैच जीते और युवा खिलाड़ियों को अवसर मिला। उनकी कोचिंग फिलॉसफी और टीम के प्रति समर्पण ने भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। आने वाले समय में भी गौतम गंभीर का योगदान भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।  


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